Sunday 5 April 2015

लम्बी दाढ़ी वाले बेवकूफ - शेखचिल्ली की कहानियां - Shekhchilli Stories

शेखजी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन पुस्तकें पढने का उन्हें बड़ा शौक था । एक दिन शेखजी कोई पुस्तक पढ़ रहे थे । तभी उनकी निगाह एक जगह लिखे कुछ अक्षरों पर पड़ी । लिखा था - 'लम्बी दाढ़ी वाले मूर्ख होते हैं ।'

यह वाक्य पढ़ते ही शेखजी का हाथ तुरंत अपनी दाढ़ी पर गया । पूरी एक फुट लम्बी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए शेखजी ने सोचा - 'तब तो लोग हमें भी मूर्ख समझते होंगे ।'
बस, यह बात दिमाग में आता ही फ़ौरन लगे कैंची ढूँढने । पूरा घर छान मारा , लेकिन कैंची नहीं मिली । अचानक उनकी नज़र आले में जल रहे दीपक पर पड़ी । शेखजी ने फ़ौरन दीपक उठाया और एक हाथ से दाढ़ी पकड़कर सोचा - 'जहाँ तक हाथ है वहां तक की दाढ़ी फूंक देते हैं, बाकी कल हज्जाम से मुंडवा लेंगे ।'

शेखजी ने फ़ौरन दीपक की लौ दाढ़ी में लगा दी । अगले ही पल उनकी दाढ़ी धूं-धूं कर जलने लगी । चेहरे और छाती पर तपिश लगी तो शेखजी ने दीपक एक और फेंका और लगे चीख पुकार मचने और जब चेहरा भी झुलसने लगा तो भागकर गए और बाल्टी में गर्दन तक सर डाल दिया । तब कहीं जाकर उन्हें राहत मिली, फिर सोचने लगे - 'बिलकुल सच बात लिखी है, सचमुच लम्बी दाढ़ी वाले बेवकूफ होते हैं ।'

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